लम्हा
DATE : 2017-11-02 23:50:21
ज़रूरी नहीं जिससे रोजाना बात हो, मुलाकात हो,
वो दिल के करीब हो और जो दिल के करीब हो,
वो दिल मे बसे हों।
जिनका दिल आशियाना होता है, हर पल उनकी यादों का बसेरा होता है।
वो दूर होते हुए भी करीब होते हैं, हजारों लाखों मे भी उनकी मौजूदगी महसूस होती है, वो और कोई नहीं हमारे दिलनशी होते है।