लम्हा
DATE : 2017-10-30 04:13:46
ये बेखुदी भी क्या चीज़ है,
दिले हाल जताए तो कैसे, दिखाएं तो कैसे।
हमारी तो हर सांस मे है नाम तुम्हारा,
होश में आए तो कैसे, ये दिल कहीं और लगाएं तो कैसे।
रुठ कर जो बैठे हो यूं दूर हमसे, पास आकर भी पास आएं तो कैसे।
है क्या खता हुई है हमसे, दूरियां ये सिमटने तो कैसे।
जल रहे इस अगन मे तुम भी, जल रहे इस अगन में हम भी।
बोलो न...
ये सिमट जाएं तो कैसे ये सिमट जाएं तो कैसे॥