एहसास
DATE : 2019-05-26 02:30:14
लड़की हूँ हर्ज़ ही क्या है,
मुझे नही भुला मेरा फ़र्ज़ क्या है,
मिली जो यह ज़िंदगी हमे
जाना एहसास इसका ,
मान बनना है हसरत मेरी,
जुर्म सहना फ़ितरत नही मेरी,
बंधन मे रहकर,
जुर्म को बढ़ावा नही दिया जाता,
ज़िंदगी भी तो यूँ कभी जिया नही जाता,
जो प्यार करते हमसे,
समझते हमारे अरमानो को,
औरो को तो इसका ,
एहसास भी नही आता......