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वो शख़्स

DATE : 2019-07-18 20:27:03
वो शख़्स आज भी याद है मुझे
रुहाने जज़्बात आज भी याद है मुझे
वो जाकर भी न जा सके हमसे दूर
इक हम उनके पास होकर भी पास न हो सके
क्या मंजर था वो भी
क्या मंजर है ये भी
तन्हाइयों का मंजर था कल भी
तन्हाइयों का मंजर है आज भी
अकृतग्य से और क्या
रुसवाइयॉ ही हाथ आईं हमारे





Gunj- ek gujarish

Writer : Deepa Rani

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